दोस्तों ये एक कडवी सच्चाई आप के सामने पेश कर रहा हूँ .. ..
जैसा कि आप सब जानते है अंग्रेजो द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करते वक्त कुछ शर्ते थोपी गयी थी और उन शर्तो को
हमारे सत्ता लोलुप नेताओ ने मान कर हस्ताक्षर कर दिए थे !
और आप ये भी जानते है कि इन शर्तो की गोपनीयता १९९९ तक अक्षुण रखने की बात भी हुई थी और अब वर्तमान में ये प्रतिबन्ध २०२१ तक के लिए बढ़ा दिया गया है !
दोस्तों! जब भी कोई द्विपक्षीय समझौता होता है तो समझौते की शर्तो का किसी भी प्रकार से उलंघन नहीं किया जा सकता और खास कर के जब समझोता मालिक और गुलाम के बीच हो तो गुलाम द्वारा तो कदापि नही !
तो उन शर्तो में एक शर्त ये भी थी कि ब्रिटेन को एक निश्चत मात्रा में गोऊ मांस का निर्यात जब तक ये समझौता कायम है किया जाता रहेगा और (आपको पता ही होगा जब अंग्रेज भारत में आये तो सबसे पहले कलकत्ता में उन्होंने कत्लखाना शुरू किया था ) इस समझौते का उलंघन गुलाम द्वारा कभी नहीं किया जा सकता !
हाल ही एक रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत गोऊ मांस निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है ... आश्चार्य है ना ?
जब पुरे देश से मांग उठा कर अलग अलग संगठन गोऊ मांस और गोऊ हत्या पर प्रतिबन्ध लगाना चाहते है तो क्यों इस कठपुतली सरकार के कान पर पर जूं नहीं रेंगती ? कारण साफ़ है .......
तो जब तक हमें पूर्ण स्वतंत्रता यानी पूर्ण स्वराज्य प्राप्त नहीं होता ........ आप लोग कितना ही जोर लगा ले गोऊ हत्या और गोऊ मांस पर ये प्रतिबन्ध नहीं लगाने वाले
हम भी इस सरकार से मांग करते है कि " जल्द से जल्द इस समझौते की सभी शर्तो को सार्वजनिक किया जाए" और जो देश हित में नहीं है उनको तुरंत प्रभाव से हटा दिया जाए ! आगे की आगे देखेंगे
धन्यवाद! जय हिंद !
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