९ दिसंबर १९४६ को संविधान सभा की पहली बैठक बुलाई गयी जिसमे राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया
१३ दिसंबर १९४६ को संविधान की प्रस्तावना को पेश किया गया, जिसे २२ जनवरी १९४७ को स्वीकार किया। इस बैठक में कुल २१४ सदस्य उपस्थित थे, अर्थात ३८९ सदस्यों वाली विधान में कुल ५५% सदस्यों ने ही संविधान की प्रस्तावना को स्वीकार कर लिया, जिसे संविधान की आधारशिला माना जाता है, उसी १३ दिसंबर १९४६ की प्रस्तावना को, बंटवारे के बाद, आज़ाद भारत के संविधान की दार्शनिक आधारशिला के रूप में स्वीकार किया गया हैध्यान देने की बात है कि २२ जनवरी १९४७ को, संविधान की प्रस्तावना के जिस दार्शनिक आधारशिला को स्वीकार किया गया था उसे अखंड भारत के संघीय संविधान के परिप्रेक्ष्य में बनाया गया था वह भी इस आशय से कि इसे ब्रिटिश सरकार की स्वीकृति अनिवार्य थी क्यों कि २२ जनवरी १९४७ को भारत पर अंग्रेजी संसद का ही हुकुम चलता था
यह भी काबिले गौर है कि २२ जनवरी १९४७ कि संविधान सभा कीबैठक में, देशी रियासतों के मनोनीत सदस्य तथा मुस्लिम लीग के ७२ निर्वाचित सदस्य उपस्थित नहीं थे
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मंगलवार, 31 जनवरी 2012
संविधान की रचना सम्बंधित ऐतिहासिक घटनाक्रम 5
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