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गुरुवार, 19 जुलाई 2012

राजेश्वरी आर्या से साभार

नेताजी निष्कलंक और पवित्र,
गांधीजी लांछनों से परिपूर्ण और विचित्र।
नेताजी निर्मल हृदय और उदार,
गांधीजी ईर्ष्यालु और अनुदार।
नेताजी निर्भय और निर्भीक,
गांधीजी कायरता प्रतीक।

नेताजी ने गांधीजी को कभी अस्वीकार
नहीं किया,
गांधीजी ने
किसी क्रांतिकारी को कभी स्वीकार
नहीं किया।

नेताजी का अर्थ है देशभक्ति और क्रांति,
गांधीजी का अर्थ है कनफ्यूजन और भ्रांति।
नेताजी सभी स्तरों पर स्पष्ट हैं,
गांधीजी स्वयं संशयग्रस्थ हैं।

नेताजी का जीवन निरंतर संघर्ष,
गांधीजी के लिए पलायन ही आदर्श।
नेताजी टूट गए पर झुके नहीं,
गांधीजी किसी चुनौती के सामने कभी टिके
नहीं।

नेताजी की वीरता से भारत छोड़ गए अंग्रेज़,
गांधीजी की कायरता से देश को तोड़ गए
अंग्रेज़।
नेताजी की देन है गौरव और स्वाभिमान,
गांधीजी की देन है नेहरू और पाकिस्तान।

2 अक्तूबार धोखा है छलना है,
23 जनवरी की भी कहीं कोई तुलना है? ??
नेताजी की भावना उत्तरोत्तर प्रचंड हो,
नेताजी की भारत माता फिर से अखंड हो।


@ Thanks to Rajeshwari

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