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गुरुवार, 20 सितंबर 2012

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का सन्देश

मेरे शरीर की भांति, मातृभूमि भारत को बाँटकर खड़ा किये गए पाकिस्तान और हिंदुस्तान में रहने वाले प्यारे भाइयो और बहनों !
अपना सन्देश देने के साथ साथ सर्वशक्तिमान परमात्मा से मैं प्रार्थना करता हूँ कि उन विकृत आत्माओ को वह शुद्ध और पवित्र विचार दे जिन्होंने मेरी मृत्यु स्थापित करने जैसे विकृत कृतकार्य करते हुए वर्ष १९५६ में जांच सिमिति का गठन किया था , और इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए और समितियों का गठन किया| यह जांच समितियों से उत्त्पन होने वाले विकराल परिणामो के बारें में पूर्ण रूप से अवगत हूँ| इन जांच समितियों का मूल उद्देश्य और लक्ष्य सिर्फ मेरी गतिविधियों के स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं है |
लेकिन मेरे प्यारे देशवाशियो ! आप तो जानते है हो कि धूर्त अंग्रेज और उनके सहयोगियों की आँख में मैंने धुल झोंकी थी| अत: निश्चित रूप से आप इतना समझ लो कि विश्व के सबसे चतुर राजनितज्ञ शाही अंग्रेज शासको की आँख में जिस व्यक्ति ने धूल झोंकी थी उसको विश्व का कोई भी गन्दा राजनीतिज्ञ धोखा नहीं दे सकता |
निराश मत हो लम्बी रातें समाप्त हो रही है | और वह शुभ घडी तेजी से नजदीक आती जा रही है| अनंत आत्म विश्वाश और अनंत धेर्य सफलता की कुंजी है| विश्व का इतिहास वास्तव में उन चंद लोगो का इतिहास है जिनके अन्दर आत्म विश्वाश भरा है और उसी आत्म विश्वाश के कारण मुष्य के अन्दर देवी शक्ति उदय होती है |

प्यारे देशवाशियो! अन्याय और बुराइयों से समझोता करके , अपने अस्तित्व को बनाए रखना मुझे पसंद नहीं है और शाही नीतियों से मैं कभी समझोता नहीं कर सकता | मेरे लिए वे सारे लोग शाही परम्परावादी है जिन लोगो ने मेरी मातृभूमि का बंटवारा करवा कर उसे स्वीकार किया और खंडित भारत की अवैध सरकार से हाथ मिला लिया और निहित स्वार्थो की पूर्ति हेतु इस राष्ट्र विरोधी संविधान के तहत चुनाव लड़ते है|
प्यारे देशवाशियों ! एशियाई देशो को एंग्लो-अमेरिकेन शक्तियों से बाहर निकालने में ही भारत की पूर्ण आज़ादी और सुरक्षा निहित है | इस प्रतिस्पर्धा के युग में शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए यह नितांत आवश्यक है कि खंडित भारत को पुन: अखंड बनाया जाए|
खंडित भारत के भोले भाले लोग मेरे कार्यक्रम और बारीकियो को कैसे समझ सकते है जबकि अपने को चतुर समझने वाले मेरा पीछा करने में असफल रहे है | आपकी अज्ञानता के कारण बर्बर अंग्रेजो ने आपके ऊपर जिस तरह १५० वर्षो तक हुकूमत की थी उसी प्रकार ये काले तुच्छ अंग्रेज किस्म के लोग, आपकी अज्ञानता और भोलेपन का नाजायज लाभ उठाने और अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए आज तुम्हारे ऊपर राज कर रहे है |
लेकिन मेरे शब्दों को अच्छी तरह समझ लो | जिस प्रकार आज़ाद हिंद सैनिको ने बर्बर अंग्रेजो को भारत की भूमि से बाहर निकालने में कुरबानिया दी थी जिसकी फलस्वरूप खंडित भारत देश को कुछ आज़ादी प्राप्त हुई थी | ठीक उसी प्रकार एक "दूसरी सेना" इन काले अंग्रेजो को भारत भूमि से निकाल बाहर कर, भारत भूमि को मुक्ति दिलवाएगी|
प्यारे देशवाशियो! पतवार को अपने हाथ से बाहर मत जाने दो , इसे अच्छी तरह हाथ में पकड़ कर रखो | मेरी दिशा सही और शुद्ध है | सही छोर पर पहुंचना अब सिर्फ थोड़े समय की बात है| विश्वाश रखो| जिस रहस्य को मैंने बना रखा है उसे मैं ही खोलूँगा उसका दुसरे लोग पर्दाफाश नहीं कर सकते|
इस दौरान यदि आप सचमुच मेरे रहस्यों को जानने हेतु सचमुच उत्सुक है, तो आप शांत सत्याग्रह करते हुए अपनी मांगो को उठाते रहे| मेरे जीवित होने या मेरे मरने के बारे में या मैं अभी भी युद्ध अपराधी हूँ आपको बिलकुल भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है |
खैर ! आज़ादी का ज्वार पुन: उठ गया है और इस जवार को कोई रोक नहीं सकेगा| आप अपनी अवैध सरकार की रगों को , जन आन्दोलन के जरिये उजागर कर सकते है , तब आप देखेंगे कि आपके शासक और राजनैतिक जुआरी पुन: एकजुट होकर बन्दुक और बट की नोक के जरिये आपको दबायेंगे | हालाकिं उस संघर्ष में विजय आपकी ही होगी|
अपने इस सन्देश के अंत में मेरा आपसे आग्रह है कि अपने अन्दर की इर्ष्या और द्वेष पूर्ण भावो को समाप्त कर करें और साथ ही साथ जातिवाद और निहित स्वार्थो को मिटा कर एक लक्ष्य को लेकर काम करें|
        प्रार्थना करता हूँ कि माँ आपके हाथ और दिमाग को स्वयं शक्ति दे | आप सबको मेरा ढेरो ढेरो प्यार | जय हिंद!
आपका - जनहित के लिए सर्वस्व त्याग करने वाला |

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