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शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

क्या हम इतने धीरे है ?

दोस्तों आप लोगो से उम्मीद है की ज्यादा से ज्यादा इस ब्लॉग से जुड़े
और इसका प्रचार प्रसार करें
क्यों कि हम इस देश की जनता है और जनता का हक़ है सही गलत का फैसला लेने का
हम लोगो ने ही इन नेताओं के हाथो में देश की बागडोर दी है

क्या इस लिए कि ये हमे ही अन्धेरें में रखें?
क्या इस लिए कि ये हमे ही लूटते रहें ?
क्या इस लिए कि हमारे देश कि संस्कृति के साथ ये खिलवाड़ करते रहें ?

दोस्तों अब सोने का नहीं जागने का समय आ गया है
समय आ गया है
आमने सामने की लड़ाई का

समय है एक और क्रांति का
सही मायनों में आज़ाद होने का

और हम
ये आज़ादी ले कर रहेंगे

3 टिप्‍पणियां:

  1. आज की राजनीती बहुत ही गन्दी हे इनको दूर करने के लिए हमें सब को एक होना होगा
    हम सब को युवा क्रांति कारी बनकर इनको इन पदों से हटाना होगा ... अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा चारो और फेलाना होगा

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  2. क्या हमे ये नेता लोग हम सब को यु ही गुमराह करते रहेगे
    क्या हम हम इनका मुहतोड़ जबाब नहीं दे सकते हे ...
    अगर आप सब में दम हे तो एक आवाज बन कर उबारो और इनको दिखा दो
    हम भी किसी से कम नहीं हे .............

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  3. समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार सोनिया गाँधी को वाईरल फिभर हुआ था ! फिर बाद में खबर आयी कि सोनिया जी अपनी शल्य-क्रिया करवाने विदेश गयी हैं ! कहाँ गयी पता नहीं ? परन्तु फिर खबर आयी कि अमेरिका में उस्तरा चलवा रही हैं ! अब सहज प्रश्न उठता है कि वाईरल फिभर के लिए शल्य-क्रिया (ओपरेशन) की क्या आवश्यकता है ? फिर किसी ने बताया कि कैंसर हो गया है ! अब इस बीमारी कि खबर के बाद कहा गया कि देश सम्हालने का जिम्मा वो राहुल को सौंप गयी हैं ! परन्तु बाद में खबर आयी कि राहुल और प्रियंका भी साथ गए हैं ! और बढेरा भी ! फिर यह देश तो अब कागजों पर चल रहा है ! पता नहीं बेचारे मनमोहन अब क्या करेंगे ?भाई आप लोग तो कुछ भी कयास लगाओ मुझे उससे कोई मतलब नहीं है ! लेकिन मेरी अंतर्दृष्टि कहती है कि यह देश में आसन्न संकटों के कारण उपस्थित प्राण-भय के कारण यह होसियारी से किया गया पलायन है ! यह देश से भागने की दूसरी कोशिश है सोनिया (एड्विग एन्टोनिया एल्बिना मायिनो) गाँधी का ! पहली कोशिश तब की गयी जब स्विस बैंकों में जमा धन को ठिकाने लगाने ८ जून को निजी विमान से स्विट्ज़रलैंड गयी थी अपने सभी खाताधारी सम्बन्धियों के साथ !अब संसद का सत्र चल रहा है ! सारी बेईमानी का दस्तावेज ऊपर आ चूका है पहले ही ! शेयर बाजार औंधे मुँह गिर रहा है ! कीमतें आसमान पर जा पहुँची हैं ! और अन्ना अड़े हैं भारत की जनता को दिल्ली बुलाने के लिए ! अब सोचो ! जब भारत की सभी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट कह रही हैं कि जनता उमड़ कर आने वाली है अन्ना के अनशन में ! दिल्ली में भीड़ नियंत्रित करना मुस्किल हो जायेगा ! मिस्र और लीबिया इत्यादी देशों के सारे रेकॉर्ड टूटने वाले हैं ! ऐसे में अगर जनता का मुड बिगड़ गया तो लोगों को १० जनपथ पहुँचते कितनी देर लगेगी ! और सरकार को पहले से पता है कि अब धरना के बारे में कोर्ट अन्ना को हरी झंडी दिखाने वाला है ! और तब शायद दिल्ली पुलिस कोर्ट के निर्देशों पर काम करेगी ! अब सोनिया जी के हाथ से बाजी निकल चूकी है तो बेचारी अबला अब क्या करे ? अपने बच्चों को लेकर सेफ हेवेन में चली गयी ! आखिर प्राण रक्षा भी तो एक धर्म है ! यह सब तो ठीक है परन्तु जनता जब दिल्ली आएगी तो फिर सिब्बल, दिग्विजय, चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, सुबोधकांत सहाय, मनीष तिवारी, सिघवी और बेचारे हिंदी शिक्षक जनार्दन द्विवेदी जी को कौन सा सबक सिखाएगी ? और जब जनता की पाठशाला शुरू होगी तब ये लोग डंडा खाने पर मम्मी-मम्मी चिल्लायेंगे ! और मम्मी तो बैठी है अमेरिका में ! तब सोचो कैसा दृश्य होगा ? है न मजेदार कल्पना ? सोचो ! सोचो !! मेरे भाईयों, बहनों ! बड़ा मजा आएगा न ? जैसा मजा ४ जून को आया था उससे भी ज्यादा मजेदार होगा यह दृश्य ! हा हा हा हा.....तालियाँ ! गालियाँ ! और देखो इस बार जुत्ता केवल दिखाना मत मारना भी !

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