यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 3 अगस्त 2011

सुभाष चन्द्र बोस को जीवित अथवा मृत अंग्रेजों केहवाले करना

इस संधि की शर्तों के अनुसार सुभाष चन्द्र बोस को जीवित अथवा मृत अंग्रेजों केहवाले करना था. यही कारण रहा क़ि सुभाष चन्द्र बोस अपने देश के लिए लापता रहे औरकहाँ मर खप गए ये आज तक किसी को ज्ञात नहीं है. समय समय पर कई अफवाहें फैली परन्तुसुभाष चन्द्र बोस का पता नहीं लगा और ना ही किसी ने उनको ढूँढने में रूचि दिखाई.अर्थात भारत का एक महान स्वतंत्रता सेनानी (जो वास्तव में भारत के 'राष्ट्रपिता' थे, गाँधी जी तो 'प्लांट' किये हुए राष्ट्रपिता थे, ये भी देश का दुर्भाग्य ही था)अपने ही देश के लिए बेगाने हो गए. सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई थी ये तोआप सब लोगों को ज्ञात होगा ही परन्तु महत्वपूर्ण बात ये है क़ि ये 1942 में आज़ादहिंद फ़ौज बनाई गयी थी और उसी समय द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और सुभाष चन्द्र बोसने इस काम में जर्मन और जापानी लोगों से सहायता ली थी जो कि अंग्रेजों के शत्रु थेऔर इस आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों को सबसे अधिक हानि पहुंचाई थी और जर्मनी के हिटलरऔर इंग्लैंड के एटली और चर्चिल के व्यक्तिगत विवादों के कारण से ये द्वितीयविश्वयुद्ध हुआ था और दोनों देश एक दूसरे के कट्टर शत्रु थे. एक शत्रु देश कीसहायता से सुभाष चन्द्र बोस ने अंग्रेजों के नाकों चने चबवा दिए थे | एक तो अंग्रेजउधर विश्वयुद्ध में लगे थे दूसरी ओर उन्हें भारत में भी सुभाष चन्द्र बोस के कारणसे कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था | इसलिए वे सुभाष चन्द्र बोस के शत्रु थे |

2 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा हुआ नेता जी सुभाष चंद बोस मिले ही नहीं | वर्ना ये अंग्रेज परस्त सरकार उन्हें अंग्रेजो के हवाले कर देती
    नेता जी के आदर्श , देश भक्ति , त्याग हमारे दिलो में बसा है | वास्तव में यही हमारे राष्ट्र पिता होते |

    जवाब देंहटाएं
  2. नेताजी आज भी जीवित है .....ओर अखंड भारत के नव निर्माण की दिशा में कार्यरत है .....

    जवाब देंहटाएं