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बुधवार, 24 अगस्त 2011

क्या हम आज़ाद है ??????????????/

सत्य ॐ! वंदे मातरम! जय हिन्द!
!! ॐ जय श्री सुभाष हर हर महादेव!!
कुछ तथ्य :-
* सन 1971 तक भारत के राष्ट्रपति भवन पर तिरंगा झण्डा ना होकर ब्रिटिश सरकार द्वारा दिया यूनियन जेक झण्डा लगा हुआ था । क्यों?
* यदि १५ अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ था तो 22 जून 1948 तक के लिए भारत का प्रथम गर्वनल जनरल माउण्टबेटन को बनाया गया। क्यों?
* सत्ता हस्तांतरण के साथ नेताजी सुभाष चन्द्र बॉस व स्थापित आजाज हिन्द फौज के सेनिकों पर व भारतीय जनता पर क्या पाबंदी ओर प्रतिबंध है ?
* खंडित भारतीय संविधान के अनुछेद 366, 372, 392, 395 को बदलने की या रद्द करने की क्षमता भारत सरकार को नहीं है क्यों?
* ब्रिटिश नेशनलिटी एक्ट 1948 में बने ब्रिटानिया कानून के तहत भाग (1) 1 के अनुसार हर भारतीय ब्रतानिया की प्रजा है ओर यह कानून भारत के अनुसार गणराज्य प्राप्त करने के पश्चात भी लागू है। ऐसा क्यों है ?
लाल किले से आई आवाज़, कहाँ है देश का तख्तो ताज।
लन्दन
में है तख्तो ताज, याद करो इस बात को आज।
जहाँ
है देश का तख्तो ताज, वहीँ है देश का छठा जार्ज।
ये
आज़ादी है बेकार, सब धोखा ही धोखा है मेरे यार
१५ अगस्त १९४७ को देश को आज़ादी नहीं मिली, १४ अगस्त १९४७ की मध्य रात्री को सत्ता हस्तांतरण का समझौता हुआ था । भारत आज भी ब्रिटिश सरकार के अधीन है , सम्पूर्ण रूप से आज़ाद नहीं है। (देखें भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७)
प्रश्न ये है कि लार्ड माउन्टबेटेंन, मो० अली जिन्ना और पंडित जंवाहर लाल नेहरु के बीच वार्ता होने पर जो समझौता हुआ था वो आज तक जनता के सामने क्यों नहीं आया ?
कोई भी समझौता किसी भी प्रकार का क्यों ना हो , हर समझौते में निम्न तीन बातें अवस्य होती है :-
१- यह कि समझौता किन शर्तो के आधार पर हुआ है ?
२- यह कि समझौता कितने वर्षो के लिए हुआ है ? उसकी समयावधि क्या है ?
३- समझौता सार्वजानिक है या गोपनीय है ?
यदि ये समझौता सार्वजानिक था तो आज तक प्रकाशित या जनता की जानकारी में क्यों नहीं लाया गया ?
लेकिन लगता है ये समझौता गोपनीय था ....... लेकिन फिर भी इसकी समयावधि तो होगी ??? (१९९९ तक थी )
और इसकी गोपनीयता बनाये रखने की शपथ हर नेता को दिलाई जाती रही है ॥
इसकी एक बानगी देखिये :-
जून, १९४८ को भारत के दूसरे गर्वनल जनरल के रूप में चक्रवरती राजगोपालचर्या ने निम्न शपथ ली कि
"मैं चक्रवर्ती राजगोपालचर्या यथाविधि यह शपथ लेता हूँ कि मैं सम्राट जार्ज षष्ट और उनके वंशधर ओर उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा एव मैं
चक्रवर्ती राजगोपालचर्य यह शपथ लेता हूँ कि मैं गर्वनल जनरल के पद पर रहते हुए सम्राट जार्ज षष्ट और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सेवा करूंगा। "
उक्त भाषा गुलामी की प्रतीक है। ऐसा क्यों है ?
इन कुछ तथ्यो से यह सपष्ट होता है कि हम पूर्ण रूप से आजाद नहीं है , ब्रिटिश सरकार के साथ किए गए समझौते के तहत आंशिक रूप से आजाद है ।
अत: प्रत्येक नागरिक को इन तथ्यो पर गंभीरता एवं निष्पक्षता से विचार करना चाहिए।

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