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बुधवार, 3 अगस्त 2011

अंग्रेजों का ही अनुसरण

इस संधि में एक और विशेष बात है, इसमें कहा गया है क़ि यदि हमारेदेश के (भारत के) न्यायालय में कोई ऐसा केस आ जाये जिसके निर्णय के लिए कोई कानून नहो इस देश में या उसके निर्णय को लेकर संविधान में भी कोई जानकारी न हो तो साफ़ साफ़संधि में लिखा गया है क़ि वो सारे केसों का निर्णय अंग्रेजों की न्याय पद्धति केआदर्शों के आधार पर ही होगा, भारतीय न्यायपद्धतिका आदर्श उसमें लागू नहीं होगा. कितनी लज्जास्पदस्थिति है ये क़ि हमें अभी भी अंग्रेजों का ही अनुसरण करनाहोगा.

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