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बुधवार, 3 अगस्त 2011

अंग्रेजों द्वारा बनाये गए भवन जैसे के तैसे रखे जायेंगे

इस संधि के अनुसार अंग्रेजों द्वारा बनाये गए भवन जैसे के तैसे रखे जायेंगे. नगर का नाम, सड़क का नाम सब के सब वैसे हीरखे जायेंगे. आज देश का संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, राष्ट्रपति भवन कितनेनाम गिनाऊँ सब के सब वैसे ही खड़े हैं और हमें मुंह चिढ़ा रहे हैं. लार्ड डलहौजी केनाम पर डलहौजी नगर है , वास्को डी गामा नामक शहर है (वैसे वो पुर्तगाली था ) रिपनरोड, कर्जन रोड, मेयो रोड, बेंटिक रोड, (पटना में) फ्रेजर रोड, बेली रोड, ऐसेहजारों भवन और रोड हैं, सब के सब वैसे के वैसे ही हैं. आप भी अपने नगर में देखिएगावहां भी कोई न कोई भवन, सड़क उन लोगों के नाम से होंगे | हमारे गुजरात में एक नगर हैसूरत, इस सूरत में एक बिल्डिंग है उसका नाम है कूपर विला. अंग्रेजों को जब जहाँगीरने व्यापार का लाइसेंस दिया था तो सबसे पहले वो सूरत में आये थे और सूरत मेंउन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण किया था | ये दासता का पहला अध्याय आज तक सूरत शहरमें खड़ा है |

1 टिप्पणी:

  1. मेरा भारत सरकार से निवेदन है कुपर विला का नाम चेंज कर नेताजी सुभाष पैलेस कर देना चाहिए क्योंकि अब हमारा देश आजाद है अंग्रेजों के नाम पर कोई इमारत नहीं रहनी चाहिए नहीं तो मैं यह समझूंगा कि यह झूठी आजादी है वंदे मातरम

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