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बुधवार, 3 अगस्त 2011

Dominion States

इस संधि के अनुसार ही भारत के दो टुकड़े किये गए एवं भारत और पाकिस्तान नामक दो Dominion States बनाये गए हैं | ये Dominion State का अर्थ हिंदी में होता है एक बड़े राज्य के अधीन एक छोटा राज्य, ये शाब्दिक अर्थ है और भारत के सन्दर्भ में इसका वास्तविक अर्थ भी यही है. अंग्रेजी में इसका एक अर्थ है "One of the self-governing nations in the British Commonwealth" तथा दूसरा "Dominance or power through legal authority "| Dominion State और Independent Nation में जमीन आसमान का अंतर होता है | मतलब सीधा है क़ि हम (भारत और पाकिस्तान) आज भी अंग्रेजों के अधीन ही हैं. दुःख तो ये होता है कि उस समय के सत्ता के लालची लोगों ने बिना सोचे समझे अथवा आप कह सकते हैं क़ि पूरी मानसिक जागृत अवस्था में इस संधि को मान लिया अथवा कहें सब कुछ समझ कर ये सब स्वीकार कर लिया एवं ये जो तथाकथित स्वतंत्रता प्राप्त हुई इसका कानून अंग्रेजों के संसद में बनाया गया और इसका नाम रखा गया Indian Independence Act अर्थात भारत के स्वतंत्रता का कानून तथा ऐसे कपट पूर्ण और धूर्तता से यदि इस देश को स्वतंत्रता मिली हो तो वो स्वतंत्रता, स्वतंत्रता है कहाँ ? और इसीलिए गाँधी जी (महात्मा गाँधी) 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में नहीं आये थे. वो नोआखाली में थे और कोंग्रेस के बड़े नेता गाँधी जी को बुलाने के लिए गए थेकि बापू चलिए आप.गाँधी जी ने मना कर दिया था. क्यों ? गाँधी जी कहते थे कि मै मानता नहीं कि कोई स्वतंत्रता मिल रही है एवं गाँधी जी ने स्पष्ट कह दिया था कि ये स्वतंत्रता नहीं आ रही है सत्ता के हस्तांतरण का समझौता हो रहा है और गाँधी जी ने नोआखाली से प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी | उस प्रेस स्टेटमेंट के पहले ही वाक्य में गाँधी जी ने ये कहाकि मैं भारत के उन करोड़ों लोगों को ये सन्देश देना चाहता हूँ कि ये जो तथाकथित स्वतंत्रता (So Called Freedom) आ रही है ये मै नहीं लाया | ये सत्ता के लालची लोग सत्ता के हस्तांतरण के चक्कर में फंस कर लाये है | मै मानता नहीं कि इस देश में कोई आजादी आई है | और 14 अगस्त 1947 की रात को गाँधी जी दिल्ली में नहीं थे नोआखाली में थे | माने भारत की राजनीति का सबसे बड़ा पुरोधा जिसने हिन्दुस्तान की आज़ादी की लड़ाई की नीव रखी हो वो आदमी 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में मौजूद नहीं था | क्यों ? इसका अर्थ है कि गाँधी जी इससे सहमत नहीं थे | (नोआखाली के दंगे तो एक बहाना था वास्तव में बात तो ये सत्ता का हस्तांतरण ही थी) और 14 अगस्त 1947 की रात्रि को जो कुछ हुआ है वो स्वतंत्रता नहीं आई .... ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर का एग्रीमेंट लागू हुआ था पंडित नेहरु और अंग्रेजी सरकार के बीच में.

24 टिप्‍पणियां:

  1. आप राजीव जी के विडीयो देखते है देख कर अच्छा लगा मगर जिस कुत्ते कमिने गांधी का आप बात कर रहे है क्या आपको पता है dominion state का मांग भी गांधी और नेहरू जैसे अंग्रेजी कुत्तो ने ही किया था|

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    1. आप गांधी का बिरोध करे मगर तथ्यो के साथ उन्हें गाली देने से कुछ नही होगा

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    2. मैं कोई गाने वक्त नहीं हूं लेकिन फिर भी मैं आपसे इतना जरूर कहना चाहूंगा कि आप की जितनी उम्र है वहां से पीछे मुड़ कर देखें कि आपने अपनी जिंदगी में क्या किया है क्या कोई भी काम ऐसा किया है जो समाज के हित में हो इसमें सब लोगों का भला हो..
      हमारी और आपकी हैसियत ही क्या कि हम उस शख्स के बारे में कुछ कह सकें जिसने इस देश के लिए बहुत किया है... एक बात है कि उनकी व्यक्तिगत कुछ गलतियां हो गई होंगी लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं उनका पूरा चरित्र खराब है.. गलतियां जिंदगी का हिस्सा होती रहती है उनसे भी हो गई होगी..

      शायद इनको गलती मानते हो बो गलती भी ना हो.. इसलिए इन बड़े और महान व्यक्तित्व के धनी लोगों के बारे में कहने से पहले उन्हें पढ़ो समझो पर कुछ बोलो... क्योंकि घर पर बैठकर एक चौराहे पर बैठकर किसी के बारे में कुछ कह देना बहुत आसान होता है और करना बहुत मुश्किल..

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    3. Sahi kaha apne jo insaan apni puri life desh ki azadi ke piche lga raha apna aso aram chod diya pant cot pahne vala insan dotti kurte me a gya desh ki khatir ..aj kaise unko gali nikal dette hai log bina kisi tathya ke

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  2. Godda are you sure about what you said, do you have any evidence or proof sir ji ?

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  3. Sure we dont have any proof..but it is true that agar ghandhi chahte to bhagat singh, sukhdev or rajguru ko bacha sakte the..

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  4. Guys are taking of proof, if you see indian navy ensign which carries union jack as part of doctrine of power transfer as dominion states for next 50 years. When after 50 years of independence, Indian Navy remove union jack from its ensign, britain threaten india and after 2 years it re-include in ensign.what else proof you required.

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  5. In 2001, this flag was replaced with a white ensign bearing the Indian Navy crest, as the previous ensign was thought to reflect India's colonial past. [2] However complaints arose that the new ensign was indistinguishable as the blue of the naval crest easily merged with the sky and the ocean. Hence in 2004, the ensign was changed back to the St. George's cross design, with the addition of the emblem of India in the intersection of the cross.

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  6. Pur kya fayda h new generesn m aakar sochane se jo v huaa use bhul kar bharat maa k daman ko bachana hi hum saputo ka kam rah gaya h

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  7. nehru ka domenion state se koi lgaw nhi tha dos. Sara kand congress or gandhi ka mili juli ram bhakti thi

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  8. You have not enough knowledge for
    Mahatma Gandhi as you abuse to him same on you

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  9. देश को इन खतरनाक संधियों के मकडजाल में फंसा रखा है | बहुत दुःख होता है अपने देश के बारे जानकार और सोच कर |

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  10. राम मंदिर जब बने तब बने,पहले भारत मे से अंग्रेजित तो हटे, नही होती है अंग्रेजियत को हटाने की बात क्योकि इसके विरोध मे नही चल पाते है पक्ष विपक्ष के घुस्से और लात राम मंदिर और मस्जिद का हला यु ही मचायेगे क्या ये इंसानियत के लिये राष्ट्र को एक कर पायेगे । #राजीव_दीक्षित_जी एक नाम जो को कर रहा था राष्ट्र के लोगो को जगाने का काम कमबख्त इन जालिमो ने नही रहने दिया उनका नाम ।

    🇮🇳 #श्री_राजीव_दीक्षित_जी_को_नमन🙏💐 🇮🇳

    एक अहिंसात्मक सोच

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  11. Kya aap sab sach me sath Dena chahte hai or kya sach me Apne sawalo ke jwab chahte hai to hum sab Ko Apne swalo ke jwab sirf Bharat sarkar de skti wo bhi proof ke sath hum sach nahi jante Lekin kya sach Janne ka Adhikar nahi hai hmara agr sath Dena chahte ho to meri id riyagarg113@gmail.com par mail kre

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  12. 15 अगस्त 1947 मैं ट्रांसफर ऑफ पावर था और भारत डोमिनियन स्टेट कहलाया तो वर्तमान में क्या स्थिति है। क्या भारत अभी भी डोमिनियन स्टेट है या हमें पूर्ण स्वराज्य मिला है। यदि मिला है तो कब मिला है। क्या कोई बताएगा। ऐतिहासिक गलतियां हुई है हमारे नेताओं से जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। आजादी की लड़ाई में नेहरू गांधी के अतिरिक्त अन्य क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान था जिसे इतिहासकारों ने छुपाया है भारत की जनता से।

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