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शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

चीन ने भारत की सीमा पर ऐटमी मिसाइलें तैनात कीं

चीनड्रैगन की सैन्य साज-ओ-सामान की सीमा पर तैनाती का सिलसिला जारी है। भारत से लगी सीमा पर चीन ने सीएसएस-5 मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती भी कर दी है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन की ताज़ा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की वजह से भरोसे की बहुत कमी है। रिपोर्ट के मुताबिक यही वजह है कि चीन भारत से सटी सीमा पर अपने सैन्य ढांचे का तेजी से विकास कर रहा है जिसका भविष्य में सैन्य अभियानों में इस्तेमाल किया जा सके।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'शक-शुबह और भरोसे की कमी की वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते में तनाव रहता है। भारत पर सैन्य नजरिए से दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान लिबरेशन आर्मी ने परमाणु क्षमता वाली सीएसएस-2 आईआरबीएम मिसाइलें बड़े पैमाने पर तैनात कर दी हैं।' पेंटागन की यह रिपोर्ट अमेरिकी संसद के सामने पेश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत से लगी सीमा पर सड़कों के निर्माण का उद्देश्य पश्चिमी चीन की आर्थिक तरक्की है। लेकिन अच्छी सड़कें पीएलए को सीमा पर अपने सैन्य अभियानों में भी मदद मिलेगी।

चीन के पाकिस्तान के साथ नजदीकी सैन्य संबंधों के अलावा हिंद महासागर, मध्य एशिया और अफ्रीका में चीन की लगातार बढ़ती मौजूदगी से भारत चिंतित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हथियारों को खरीदने वाला प्रमुख देश पाकिस्तान है। इसके मुताबिक पाकिस्तान ने हाल ही में एफ 7 और जेएफ 17फाइटर एंटी शिप मिसाइलें, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हेलीकॉप्टर, चेतावनी प्रणाली चीन से हासिल की है।

गौरतलब है कि लेह-लद्दाख में सीमा के पास ही चीन बड़े पैमाने सड़कें वगैरह बना रहा है। चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का ही हिस्सा मानता है। भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा को लेकर विवाद रहा है। चीन ने कुछ दिनों पहले ही वारयाग नाम के लड़ाकू जहाज को समुद्र में तैनात कर दिया है। हालांकि, चीन की यह दलील है कि वह वारयाग का इस्तेमाल सिर्फ ट्रेनिंग और प्रयोगों के लिए करेगा। चीन ने श्रीलंका और बांग्लादेश में बंदरगाह भी बनाए हैं।

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