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बुधवार, 3 अगस्त 2011

समझोते को सार्वजनिक करें

वैसे जहाँ तक मुझे पता है ये समझोता १९९९ तक सार्वजानिक नहीं किया जा सकता था
लेकिन अब कोई प्रतिबन्ध नहीं है
और जब कोई प्रतिबन्ध नहीं है
तो फिर इसको सार्वजानिक करने से कोई भी सरकार कतरा क्यू रही है


ये सब बदलना आवश्यक है परन्तु हमें सरकार नहीं व्यवस्था में परिवर्तन करना होगा हमें ही सड़कों पर उतरना होगा और इस व्यवस्था को जड़ मूल से समाप्त करना होगा | भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता स्वयं करता है |

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