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बुधवार, 3 अगस्त 2011
कलकत्ता में गाय काटने का कत्लखाना
अंग्रेजों के आने के पहले इस देश में गायों को काटने का कोई कत्लखाना नहीं था. मुगलों के समय तो ये कानून था क़ि कोई यदि गाय को काट दे तो उसका हाथ काट दिया जाता था. अंग्रेज यहाँ आये तो उन्होंने पहली बार कलकत्ता में गाय काटने का कत्लखाना प्रारंभ किया, पहला मदिरालय प्रारंभ किया, पहलावेश्यालय प्रारंभ किया और इस देश में जहाँ जहाँ अंग्रेजों की छावनी हुआ करती थीवहां वहां वेश्याघर बनाये गए, वहां वहां मदिरालय खुला, वहां वहां गाय के काटने केलिए कत्लखाना खुला | ऐसे पूरे देश में 355 छावनियां थी उन अंग्रेजों की. अब ये सबक्यों बनाये गए थे ये आप सब सरलता से समझ सकते हैं | अंग्रेजों के जाने के पश्चात ये सबसमाप्त हो जाना चाहिए था परन्तु नहीं हुआ क्योंक़ि ये भी इसी संधि में है.
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