यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 3 अगस्त 2011

विदेशी कंपनियां भारत में रहेंगी

भारत में स्वतंत्रता की लड़ाई हुई तो वो ईस्ट इंडिया कम्पनी केविरूद्ध था और संधि की गणनानुसार ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत छोड़ कर जाना था और वोचली भी गयी परन्तु इस संधि में ये भी है क़ि ईस्ट इंडिया कम्पनी तो जाएगी भारत सेपर शेष 126 विदेशी कंपनियां भारत में रहेंगी और भारत सरकार उनको पूरा संरक्षण देगीऔर उसी का परिणाम है क़ि ब्रुक बोंड, लिप्टन, बाटा, हिंदुस्तान लीवर (अब हिंदुस्तानयूनिलीवर) जैसी 126 कंपनियां स्वतंत्रता के पश्चात भी इस देश में बची रह गयी औरलूटती रही और आज भी वो सब लूट रही है.|
अंग्रेजी का स्थान अंग्रेजों के जाने के बाद वैसेही रहेगा भारत में जैसा क़ि अभी (1946 में) है और ये भी इसी संधि का भाग है. आपदेखिये क़ि हमारे देश में, संसद में, न्यायपालिका में, कार्यालयों में हर कहींअंग्रेजी, अंग्रेजी और अंग्रेजी है जब क़ि इस देश में 99% लोगों को अंग्रेजी नहींआती हैतथा उन 1% लोगों को देखो क़ि उन्हें मालूम ही नहींरहता है क़ि उनको पढना क्या है और uno में जा कर भारत के स्थान पर पुर्तगाल का भाषणपढ़ जाते हैं |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें